मुख्यपृष्ठमैं भुली घरजानी बाट । गोरस बेचन आयें हाट मैं भुली घरजानी बाट । गोरस बेचन आयें हाट 0 Vaarkarichalee सप्टेंबर २४, २०२२ मैं भुली घरजानी बाट । गोरस बेचन आयें हाट ॥१॥कान्हा रे मनमोहन लाल । सब ही बिसरूं देखें गोपाल ॥ध्रु.॥काहां पग डारूं देख आनेरा । देखें तों सब वोहिन घेरा ॥२॥हुं तों थकित भैर तुका । भागा रे सब मनका धोका ॥३॥ थोडे नवीन जरा जुने