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संत कबीर, संत कबीर के दोहे

कबीर आज इस दुनिया में नहीं हैं, मगर उनकी कही गई गूढ़ बातें आज भी हम सभी के लिए अंधेरे में मशाल का काम करती हैं. कबीर जो हमारे सबसे निष्कलंक पुरखे हैं...

कबीर एक व्यक्ति होने के बजाय व्यक्तित्व हैं. कबीर जो न हिन्दू हैं और न मुसलमान. कबीर जो दुनियावी होने के बावजूद जाति-धर्म से ऊपर हैं. दुनिया को आईना दिखाते कबीर. समाज में व्याप्त कुरीतियों पर कुठाराघात करते कबीर. एक ऐसी शख्सियत जिस पर हिन्दू और मुसलमान दोनों दावा करते हैं और वह हर तरह के जात-पात से ऊपर उठ गया है.

जब पूरी दुनिया के लोग मोक्ष के लिए काशी की ओर जाते हैं तो कबीर काशी छोड़ कर मगहर की ओर चले जाते हैं. एक जुलाहे का काम करने वाला शख्स जिस पर न जाने कितने ही लोग डॉक्टरेट कर चुके हैं..

तो इसी क्रम में हम आपको रू-ब-रू करा रहे हैं कबीर के सदाबहार दोहों से, जिन्हें सुन कर जीने की सही राह समझ में आती है और हर मुश्क‍िल आसान लगती है.



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