भस्म उटी रुंडमाळा | हातीं त्रिशुळ नेत्रीं ज्वाळा ||1||
गज चर्म व्याघ्रांबर | कंठीं शोभे वासुकी हार ||धृ||
भूतें वेताळ नाचती | हर्षयुक्त उमापती ||2||
सर्व सुखाचें आगर | म्हणे नरहरी सोनार ||3||
गज चर्म व्याघ्रांबर | कंठीं शोभे वासुकी हार ||धृ||
भूतें वेताळ नाचती | हर्षयुक्त उमापती ||2||
सर्व सुखाचें आगर | म्हणे नरहरी सोनार ||3||
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